शनिदेव को शीघ्र प्रसन्न कर शनि दशा से बचने के आसान उपाय, साढ़े साती और ढैय्या के कष्ट भी होंगे कम
शनि देव के बारे में मान्यता है कि वह अपनी चाल से या राशि में आकर व्यक्ति को उसके कर्मों का फल देते हैं। इसमें सबसे बुरी स्थिति तब मानी जाती है, जब किसी को शनि की साढ़े साती और ढैय्या लगती है। या फिर व्यक्ति की कुंडली में शनि के अशुभ प्रभाव के कारण वह किसी रोग से पीड़ित हो। शनिदेव को शीघ्र प्रसन्न करने और शनि की दशा या प्रभाव से बचने के लिए कई आसान उपाय किए जा सकते हैं। शनिदेव को न्याय का देवता कहा जाता है। वे हमारे कर्मों के अनुसार फल देते हैं। शनि की दशा से बचने या उनके प्रकोप को कम करने के लिए कुछ आसान उपाय किए जा सकते हैं:
1. शनिवार का व्रत:
शनिदेव न्याय के विधान से बंधे होने की वजह से गलत कर्मों का फल जरूर देते हैं। कुछ अनजाने में हुई गलतियों पर अत्यधिक दंड न देते हुए शनि देव उस दंड को सामान्य कर देते हैं। कहा जाता है कि यदि शनि देव किसी पर प्रसन्न हो जाएं तो उस व्यक्ति का भाग्य चमक उठता है। लेकिन वहीं शनि देव किसी पर क्रोधित हो जाएं तो वह व्यक्ति पल भर में राजा से रंक बन जाता है। इसी वजह से लोग हमेशा शनि देव से भयभीत रहते हैं। शनिवार को सुबह जल्दी स्नान आदि कर शनिदेव की प्रतिमा की विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए। शनिवार के दिन शनि मंदिर में शनि देव को नीले लाजवंती के फूल, तिल, तेल, गुड़ अर्पित करें। शनि देव के नाम से दीपोत्सर्ग करें। फिर पूजा के दौरान जाने-अंजाने हुए पापों के लिए क्षमा मांगे। शनिदेव की पूजा के बाद राहु-केतु की भी पूजा करनी चाहिए। शनिवार के दिन पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाकर उसकी सात बार परिक्रमा करनी चाहिए।
- शनिवार को व्रत रखना और पीपल के पेड़ की पूजा करना शनिदेव को प्रसन्न करने का सबसे प्रभावी उपाय माना जाता है।
- पीपल के पेड़ के नीचे सरसों का तेल का दीपक जलाएं और काले तिल का दान करें।
2. शनि चालीसा का पाठ:
कुंडली में शनि की साढ़े साती या ढैया की स्थिति और उसके अशुभ प्रभावों को कम करने के कुछ अचूक उपाय है। इन उपायों को शनिवार को करना चाहिए। यह उपाय जल्द ही शुभ फल देते हैं।
- शनिवार को शनि चालीसा का पाठ करना शनिदेव को प्रसन्न करने का एक सरल तरीका है।
3. शनि मंत्र का जाप:
शनि के दुष्प्रभाव को दूर करने के लिए शनिवार को काली गाय की सेवा करनी चाहिए। गाय को पहली रोटी खिलाकर उसका सिंदूर का तिलक करें। इसके बाद काली गाय के सींग में मौली बांधकर उसे मोतीचूर के लड्डू खिलाएं। फिर गाय के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लें। Read More
- "ॐ शं शनैश्चराय नमः" मंत्र का जाप करने से शनि दोष कम होता है।
4. नीलम रत्न:
- नीलम रत्न को शनि का रत्न माना जाता है। ज्योतिषी की सलाह से नीलम धारण करने से शनि दोष से मुक्ति मिल सकती है।
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5. दान:
शनि की साढ़ेसाती झेल रहे व्यक्ति को शनिवार के दिन अंधेरा होने पर पीपल के पेड़ पर मीठा जल अर्पित करें। फिर सरसों के तेल का दीपक जलाकर वहीं पर हनुमान, भैरव और शनि चालीसा का पाठ करें। इसके बाद पीपल की सात बार परिक्रमा करें।
- शनिवार को काले तिल, लोहे की वस्तुएं, सरसों का तेल दान करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं।
6. सेवा कार्य:
वट और पीपल वृक्ष के नीचे प्रत्येक शनिवार को सूर्योदय से पहले कड़वे तेल का दीपक जलाकर शुद्ध कच्चा दूध और धूप अर्पित करें।
- गरीबों की सेवा करना और जरूरतमंदों की मदद करना भी शनिदेव को प्रसन्न करने का एक अच्छा उपाय है।
7. शनि मंदिर का दर्शन:
हर शनिवार के दिन हनुमान जी के दर्शन करें। इसके साथ ही शनिदेव को तेल चढ़ाकर दशरथकृत शनि स्त्रोत का पाठ करें।
- शनिवार को शनि मंदिर जाकर शनिदेव के दर्शन करें और उन्हें प्रणाम करें।
8. हनुमान जी की पूजा:
शनि देव को प्रसन्न करने का सबसे अचूक उपाय शनिवार के दिन मां काली की पूजा करना माना गया है। माता काली को शनि ग्रह को नियंत्रित करने वाली देवी माना गया है। शनि देव के प्रकोप से बचने के लिए मां काली की शरण लेनी चाहिए।
- हनुमान जी को शनिदेव का मित्र माना जाता है। इसलिए हनुमान जी की पूजा करने से भी शनि दोष कम होता है। शनिवार को सूर्यास्त के बाद श्रीहनुमान जी का दर्शन-पूजन करें तथा श्रीहनुमान चालीसा का 3, 7 या 11 पाठ करें.
9. वास्तु दोष का निवारण:
नि की साढ़ेसाती, ढैय्या या ऐसे ही अन्य शनि दोष से प्रभावित हाेने से जातक को लंबे समय तक तरह-तरह की विघ्न बाधाओं का सामना करना पड़ता है.
- घर में वास्तु दोष होने से भी शनि दोष बढ़ सकता है। इसलिए वास्तु दोष का निवारण करना जरूरी है।
ध्यान रखें:
- ये उपाय केवल सामान्य सुझाव हैं। किसी भी गंभीर समस्या के लिए ज्योतिषी से सलाह लेना बेहतर होता है।
- शनि देव धैर्य और कर्म का देवता हैं। इसलिए हमें धैर्य रखना चाहिए और अच्छे कर्म करते रहना चाहिए।
अन्य सुझाव:
- शनिवार को काले रंग के वस्त्र पहनने से बचें।
- लोहे की वस्तुओं का दान करें।
- गरीब बच्चों को काले चने खिलाएं।
- शनि देव की मूर्ति या चित्र को घर में स्थापित करें।
Conclusions:
शनिवार की शाम को शनि मंदिर में दीप भेंट करना चाहिए। शनि महाराज को उड़द दाल में खिचड़ी बनाकर भोग लगाना चाहिए। काली चींटियों को गुड़ और आटा डालना चाहिए। शनिवार के दिन काले रंग के वस्त्र धारण करना चाहिए। पूरी श्रद्धा से व्रत करने से शनि का कोप शांत रहता है।