Shani ka Paya – शनि का पाया जानने की विधि और फल
जन्म के समय के अनुसार नक्षत्र और राशि के पाये का निर्धारण किया जाता है, जो व्यक्ति की जीवनशैली और भाग्य पर प्रभाव डालता है। ज्योतिषशास्त्र में शनि के पाए को खासा महत्व दिया गया है। आपकी सफलता और असफलता, आपकी राशि शनि के किस पाए के प्रभाव में है, इससे काफी हद तक तय होती है।
आइए जानते हैं आपकी राशि शनि के किस पाए के प्रभाव में है और इससे आपके ऊपर क्या प्रभाव होगा, नक्षत्र का पाया शरीर और परिवार से जुड़ा होता है, जबकि राशि का पाया व्यक्ति की मानसिक सोच, सामाजिक स्थिति, कार्यक्षेत्र, और विवाह से संबंधित होता है। वस्तुतः घर में जैसे ही बच्चे का जन्म होता है वैसे ही हम सभी यह जानना चाहते हैं कि मेरा बच्चा किस पाए के साथ घर में आया है। जन्म कुंडली के बारह भावों को चार पायों में बाँटा गया है और और प्रत्येक पायों का नाम धातुओं के नाम से जोड़कर दिया गया है जो इस प्रकार है :
सोना (GOLD)चाँदी (SILVER)
ताँबा (COPPER)
लोहा (IRON)
जन्म के समय जन्मकुंडली में चन्द्र राशि से शनि जिस भाव में स्थित होता है (कुंडली में) उसी के अनुसार पाया जानना चाहिए। पाये चार प्रकार के होते हैं:
स्वर्ण पाया (Gold Paya):
इस पाये में जन्म लेने वालों को अद्वितीय गुण प्राप्त होते हैं। यदि आपकी जन्मकुंडली में शनि, चंद्र राशि से 1, 6, या 11वें भाव में हो, तो आप सोने के पाये में जन्में माने जाते हैं। कर्क, मकर और मीन राशि के लोग शनि के स्वर्ण पाए के प्रभाव में हैं। यही वजह है कि सफल होने के लिए इन राशियों के लोगों को परिश्रम अधिक करना पड़ रहा है। आपको मेहनत से ही सफलता मिलेगी और तभी जीवन में सोने की चमक रहेगी। इस पाये का स्थान श्रेष्ठता के क्रम में तीसरा होता है। यह पाया मुख्यतः पुरुषों के लिए शुभ नहीं माना गया है। जीवन में अंहकार और बुद्धिमानी की अति व्यक्ति को रोक सकती है, और परिवार में माता-पिता जातक को स्नेहपूर्वक रोकते-टोकते रहते हैं। इस पाये वाले व्यक्ति का पारिवारिक जीवन में बदलाव आ सकता है, जो सामाजिक और व्यवहारिक जीवन को समझने में कठिनाई पैदा कर सकता है। ये व्यक्ति अक्सर अकेले रहना पसंद करते हैं और आत्मनिर्भर होते हैं। पिता से दूरी और परिवार में चाचा-चाची, दादा-दादी से संबंध में खटास का अनुभव हो सकता है।रजत पाया (Silver Paya):
रजत पाया में जन्म को श्रेष्ठ माना गया है। यदि आपकी कुंडली में शनि, चंद्र राशि से 2, 5, या 9वें भाव में हो, तो आप चांदी के पाये में जन्मे माने जाते हैं। यह पाया समाज में आदर और मान-सम्मान दिलाने में सहायक होता है। इस पाये के व्यक्ति अपने मानसिक संतुलन को बनाए रखते हैं और समाज में प्रशंसा प्राप्त करते हैं। उनके संबंध माता-पिता के साथ अच्छे रहते हैं, विशेष रूप से माँ से। इसके अलावा, इस पाये वाले व्यक्ति पानी के किनारे रहने और जल-संबंधी कामों में सफलता प्राप्त करते हैं। बहनों की अधिकता और परिवार में बेटियों का महत्व देखने को मिलता है। अपनी समस्याओं के समाधान के लिए "आचार्य जी" से अपॉइंटमेंट लेने हेतु कृपया सम्पर्क करें:care.jyotishgher@gmail.comताम्र पाया (Copper Paya):
ताम्र पाया में जन्मे लोग उत्कृष्ट तकनीकी दिमाग वाले होते हैं। यदि शनि, चंद्र राशि से 3, 7, या 10वें भाव में हो, तो यह तांबे के पाये का जन्म होता है। इस पाये के लोग दीर्घायु और धन-समृद्धि से परिपूर्ण रहते हैं। उनके द्वारा किए गए वादों को वे निभाने में विश्वास रखते हैं। ये लोग अचल संपत्ति और खनिज संपत्ति के क्षेत्र में उन्नति करते हैं। हालांकि, संतान सुख में थोड़ी कमी हो सकती है, लेकिन संतान अपने परिवार का नाम रोशन करने वाली होती है। उनके जीवनसाथी के साथ मतभेद हो सकते हैं, परंतु रिश्तों में गहराई बनी रहती है। ताम्र पाया के जातक तीखे भोजन में रुचि रखते हैं और इनमें हाजमा अच्छा रहता है।लौह पाया (Iron Paya):
लौह पाये को सामान्यतः अनुकूल नहीं माना गया है। यदि शनि, चंद्र राशि से 4, 8, या 12वें भाव में हो, तो यह लोहे के पाये का जन्म माना जाता है। इस पाये के व्यक्ति आलसी प्रवृत्ति के होते हैं और अपनी बुद्धिमानी का उपयोग अधिकतर चालाकी के कार्यों में करते हैं। जीवन साथी इन्हें संभालने में मदद करता है, लेकिन इनके विवाहिक जीवन में चुनौतियाँ बनी रहती हैं। शिक्षा और विद्या के क्षेत्र में इनके लिए कम अवसर होते हैं। इनकी मित्रता अक्सर निचले स्तर के लोगों से होती है और जुए-सट्टे में रुचि होती है। ये लोग हिंसा के प्रति आकर्षित होते हैं और ठगी में भी माहिर होते हैं।
शनि के पाया का फल (Result of Shani ka paya)
1. सोने के पाया का फल (Result of Shani ka Gold Paya)
सोने के पाया के साथ जन्मे बालक का फल यदि आपका जन्म सोने के पाया में हुआ है तो बहुत ज्यादा शुभ नहीं है आप जीवन के सुख सुविधा का उपभोग तो करेंगे परन्तु कुछ कठिनाई के साथ ही कर पाएंगे। ऐसा बालक रोग से जल्दी ही प्रभावित हो जाता है। परिवार की शुखशान्ति में व्यवधान हो जाता है। यह पिता के लिए अच्छा नहीं होता है। पिता को शत्रुओं का सामना करना पड़ सकता है। धन की हानि भी हो सकती है। यदि ज्यादा परेशानी उत्पन्न हो रही हो तो आप सोने का दान कर सकते है।
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2. चांदी के पाया का फल (Result of Saturn’s Silver Paya)
यदि आपका जन्म चांदी के पाये में हुआ है तो समझ ले कि आप भाग्यशाली हैं। आपके परिवार के लिए आपका जन्म शुभ है घर में खुशियों का आगमन होगा सभी रूके हुए कार्य शीध्र ही पूरे होने लगेंगे और आप सभी प्रकार की भौतिक सुख-सुविधाओं का उपभोग कर सकेंगे। माता – पिता की तरक्की होती है। परिवार के मान-सम्मान में वृद्धि होती है।
3. ताम्बे के पाया का फल (Result of Saturn’s Bronze Paya)
यदि आपका जन्म तांबे के के पाये में हुआ है तो इसका फल शुभ ही होता है। जिस परिवार में इस बालक का जन्म होता है उस समय पारिवारिक स्थिति अच्छी होती है। ताम्बे के पाये में उत्पन्न बच्चा पिता के व्यापार में वृद्धि और सुखसमृद्धि लेकर आता है। पारिवारिक उन्नति धीरे-धीरे बढ़ने लगती है।
4. लोहे का पाया का फल (Result of Saturn’s Iron Paya)
यदि आपका जन्म लोहे के पाया में हुआ है तो आपके जीवन में संघर्ष ही संघर्ष है। धन-धान्य की हानि होती है। पारिवारिक स्थिति भी ठीक नहीं होती कोई न कोई परेशानी आती ही रहती है। एक समस्या किसी तरह ख़त्म होती है कि दूसरी समस्या आ जाती है। यह स्थिति तब भी आती है जब जातक स्वयं ही अपने भाग्य का निर्माण करने लगता है। व्यवसाय के दृष्टिकोण से भी यह स्थिति अच्छी नहीं होती। लोहे के पाँव में पैदा हुआ बच्चा परिवार के लिए भारी होता है। यही नहीं पिता के लिए बच्चा कष्ट लेकर आता है। परिवार में कोई न कोई अप्रिय घटना होती है।
उपाय
स्वर्ण पाये में जन्मे व्यक्ति को सोने में हरे नगों के साथ गहने पहनने चाहिए और नारियल का दान करना चाहिए। रोजाना सूर्य को अर्घ्य देने से पिता की आयु में वृद्धि होती है।
रजत पाये में जन्मे व्यक्ति तीर्थ यात्रा करें और घर में पवित्र जल रखें। शिव स्तोत्र का पाठ और चांदी के पात्र में पानी पीना लाभकारी होता है।
ताम्र पाये के जातक दान करें और तांबे की वस्तु अपने पास रखें। तीखे भोजन से परहेज करें और भाइयों का सहयोग लें।
लौह पाये में जन्मे जातक अपने वजन के बराबर लोहा शनि स्थान में दान करें, काली मिर्च का सेवन करें और परिवार की शांति के लिए लोहे का छल्ला पहनें।