महाकुंभ के 5 अज्ञात रहस्य, दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक उत्सव है।

महाकुंभ हर 12 साल में एक बार 4 स्थानों पर आयोजित होता है: प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन, और नासिक।

कुंभ मेले का आयोजन ग्रहों की स्थिति पर निर्भर करता है। सूर्य, चंद्रमा और बृहस्पति की विशेष संयोग पर यह तय होता है।

02

महाकुंभ के दौरान गंगा में स्नान को मोक्ष प्राप्ति का मार्ग माना जाता है। इसे "अमृत स्नान" भी कहते हैं।

01

कहा जाता है कि महाकुंभ का इतिहास त्रेता युग से जुड़ा है, जब देवताओं और असुरों ने अमृत के लिए समुद्र मंथन किया था।

समुद्र मंथन

02

क्या आप जानते हैं? महाकुंभ में 14 अखाड़ों के साधु, संत और नागा बाबा विशेष परेड करते हैं।

नागा साधुओं की परेड।

हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाने की पौराणिक कथा

01

महाकुंभ में 100 से अधिक देशों के लोग हिस्सा लेते हैं, जो इसे एक वैश्विक आयोजन बनाता है।