जब किसी जातक की कुंडली में उसके सभी ग्रह राहु और केतु के बीच आ जाते है, जिसमे राहु सर और केतु पूँछ की तरफ होता है, इस तरह की दशा में जातक की कुंडली में राहु केतु दोष माना जाता है | जो ग्रह और केतु के बीच होते है और अलग अलग घर में जा सकते है और उनके घरों की स्थिति के हिसाब से इस दोष के प्रभाव होते है | इस दोष से रहित जातक के जीवन में बहुत सारी बाधाएं उत्पन्न होती है, यही कारण है कि इस दोष को इतना बुरा समझा जाता है | यह दोष ग्रहों की स्तिथि के अनुसार १२ प्रकार से होता है |
साथ ही कई तरह के रोगों का सामना करना पड़ता है। ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि राहु के खराब होने से कई डिप्रेशन, बाल झड़ना, मानसिक तनाव, नाखून टूटना आदि कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसलिए कुंडली में राहु की स्थिति मजबूत करने के लिए कुछ उपाय भी बताए गए हैं
है राहु केतु दोष से होने वाली समस्याएं ?
जिस जातक की कुंडली में यह दोष होता है, वह अपने जीवन में कई बाधाओं से घिरा रहता है | इन समस्याओं में प्रमुखतः शादी में रुकावट / देरी , वैवाहिक जीवन में तनाव, व्यापार में हानि, नौकरी पाने में दिक्कत, स्वास्थय सम्बन्धी परेशानियां, मानसिक तनाव, आर्थिक तंगी हैं |
जातक अपने अथक प्रयास के वाबजूद भी इच्छानुसार सफलता नहीं पाता और इससे उसको लगातार निराशा का सामना करना होता है | जातक के मन में कई बार ऐसे विचार उत्पन्न होते है कि आखिर उसे ही क्यों निराशा का सामना कर पड़ता है ? यदि वह नौकरी करे तो वह उसे पदोनत्ति में देरी होती है या फिर लगातार अपनी नौकरी का स्थान बदलना पड़ता है | यदि वह व्यवसाय करे तो उसे लगातार हानि होती है | इससे उसके जीवन में अड़चन पैदा होती है | उसे मानसिक और शारीरिक कष्ट होते है |
क्या है राहु केतु दोष का समाधान ?
कुछ जातक थोड़ी सी जानकारी के पश्चात खुद ये निर्णय ले लेते है कि उनके क्या करना चाहिए या फिर क्या नहीं | हालांकि हम सब यह मानते है कि हर विषय में राय किसी ज्ञाता से ही लेनी चाहिए | इससे समय भी बचता है और समय पर आपको परेशानी का उचित हल भी मिल जाता है | यदि आप अपना समय और पैसा बचते हुए इस दोष का हल चाहते है तो आप तुरंत पंडित श्री रविशंकर जी से निशुल्क जानकारी ले सकते है |
Home remedies for Rahu Ketu dosha
राहु-केतु छाया ग्रह हैं, जिनका प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर गहरा होता है। इन ग्रहों की अशुभ स्थिति के कारण व्यक्ति को कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। कहा जाता है कि अगर कुंडली में राहु-केतु अशुभ स्थिति में हों तो जीवन में कई परेशानियां आने लगती हैं। राहु-केतु छाया ग्रह माने जाते हैं। कुंडली में राहु-केतु की अशुभ स्थिति में कालसर्प दोष का निर्माण होता है। इस दौरान व्यक्ति को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
राहु-केतु दोष के लक्षण:
बार-बार असफलताएं
मानसिक तनाव और चिंता
पारिवारिक क्लेश
स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं
आर्थिक संकट
विवाह में देरी या अशुभ विवाह
राहु-केतु दोष के उपाय:
काले तिल का दान एवं ब्राह्मणों को भोजन करवाने से पितृगण खुश होते हैं और जिससे राहु केतु के अशुभ प्रभाव में कमी आती है। पितृपक्ष में हर दिन पीपल के जड़ में जल देना चाहिए एवं मिठाईयों का भोग लगाना चाहिए। इससे भी पितर संतुष्ट होते हैं। घर पर अगर कोई अनजान व्यक्ति आ जाए तो उसका निरादर नहीं करें।
इन मंत्रों का प्रतिदिन जाप करने से राहु-केतु के नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं।
पूजा-पाठ:
शिव पूजा: शिव की पूजा करने से राहु-केतु के नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं।
दुर्गा पूजा: दुर्गा देवी की पूजा करने से भी लाभ होता है।
हनुमान जी की पूजा: हनुमान जी की पूजा करने से भी राहु-केतु के प्रभाव कम होते हैं।
दान-पुण्य:
काले कुत्ते को रोटी खिलाएं।
गरीबों को दान करें।
पीपल के पेड़ की पूजा करें।
वास्तु दोष निवारण:
घर में वास्तु दोष होने पर उसे ठीक करवाएं।
घर की साफ-सफाई का ध्यान रखें।
रत्न उपचार:
गोमेद रत्न धारण करने से राहु के प्रभाव कम हो सकते हैं।
लहसुनिया रत्न धारण करने से केतु के प्रभाव कम हो सकते हैं।
Conclusions:
इस दोष के कुप्रभावों से बचने के लिए जातक अपने जीवन शैली के अनुसार उपाय करवा सकता है | भगवान शिव की आराधना करना इन उपायों में सर्वोत्तम है | यदि जातक शिव की आराधना करने हेतु नासिक शहर के समीप स्थित त्रयंबकेश्वर मंदिर पहुँचता है और काल सर्प योग नामक पूजा करता है तो उसे इस दोष से मुक्ति मिल सकती है | यह पूजा किसी विद्वान पंडित के देख रेख में संपन्न होनी चाहिए | ऐसे ही किसी जानकार पंडित से पहले आप अपनी कुंडली के अनुसार पूजा का मुहूर्त तय कर लें | हम आपको इस पूजा को श्री रवि शंकर गुरु जी से करवाने का सुझाव देंगे | गुरु जी को इस पूजा का अपार अनुभव प्राप्त है और शास्त्रों एवं कर्मकांडो के महाज्ञाता भी है |