विदेश यात्रा और सफलता के योग
कई लोग विदेश यात्रा या विदेश में बसने का सपना देखते हैं लेकिन हम सभी जानते हैं कि इस सपने को पूरा करना हमारे हाथ में नहीं होता है। आपने कई बार लोगों को कहते सुना होगा कि किस्मत में होगा तो विदेश जाने का भी मौका मिल जाएगा। किस्मत की ये बात कुंडली के ग्रहों और उनकी कुछ विशेष स्थिति पर निर्भर करती है।
यहाँ कुछ प्रमुख ज्योतिषीय योग दिए गए हैं जो व्यक्ति की जन्म कुंडली में विदेश यात्रा और विदेश में सफलता के संकेत देते हैं। अपनी समस्याओं के समाधान के लिए "आचार्य जी" से अपॉइंटमेंट लेने हेतु कृपया सम्पर्क करें:care.jyotishgher@gmail.com
बारहवां भाव
द्वितीय भाव का स्वामी 12वें भाव में
यदि आपकी कुंडली में दूसरे भाव का स्वामी 12वें भाव में स्थित है या 12वें भाव से जुड़ा हुआ है, तो यह योग इंगित करता है कि व्यक्ति विदेश में जाकर अपने कौशल का प्रदर्शन करने में सफल होगा। Book Consultationsतृतीय भाव का स्वामी 12वें भाव में और पंचमेश भी 12वें भाव में
यदि तीसरे भाव का स्वामी 12वें भाव में है और पंचमेश भी 12वें भाव में स्थित हो, तो यह संकेत करता है कि व्यक्ति विदेश यात्रा करेगा। यह योग विशेष रूप से उन व्यक्तियों के लिए प्रभावी है जो विदेश में पढ़ाई या व्यापार करना चाहते हैं।पंचम भाव में तृतीयेश या द्वादशेश और पंचमेश 12वें भाव में
यदि पंचम भाव में तीसरे या 12वें भाव का स्वामी (द्वादशेश) स्थित है और साथ ही पंचमेश 12वें भाव में हो, तो व्यक्ति विदेश में जाकर अच्छा धन अर्जित कर सकता है।नवम भाव का स्वामी 12वें भाव में शुभ दृष्टि के साथ
यदि नवम भाव का स्वामी 12वें भाव में हो और शुभ ग्रह नवम भाव को देख रहे हों, तो यह व्यक्ति को करियर में विदेश में बढ़िया अवसर और उन्नति दिला सकता है।चौथे या 12वें भाव में चर राशि और दशम भाव पर सूर्य-शनि की युति
यदि चौथे या 12वें भाव में कोई चर राशि हो, और चंद्रमा से दशम भाव में सूर्य और शनि की युति हो, तो व्यक्ति को विदेश में अच्छा धन कमाने के अवसर मिलते हैं। अगर जन्मकुंडली में दशमेश बारहवें भाव और बारहवें भाव का स्वामी दसवें भाव में हो तो भी विदेश यात्रा के योग बनते हैं और जातक को विदेश से आजीविका कमाने का मौका मिलता है।दूसरे भाव में शुक्र, और 12वें भाव के स्वामी के साथ संबंध
यदि दूसरे भाव में मेष, सिंह, वृश्चिक, मकर, या कुम्भ राशि में शुक्र स्थित हो, और 12वें भाव के स्वामी के साथ उसका युति या दृष्टि संबंध हो, तो यह योग विदेश यात्रा और वहाँ सफलता प्राप्त करने का संकेत है।भाग्येश, पंचमेश, और द्वादशेश के बीच शुभ संबंध
यदि भाग्येश (नवम भाव का स्वामी), पंचमेश और द्वादशेश के बीच कोई भी शुभ संबंध हो, तो यह भी व्यक्ति के विदेश में जाने के योग बनाता है।सप्तम भाव का स्वामी बारहवें भाव में हो या बारहवें भाव का स्वामी सप्तम भाव में बैठा हो तो विदेश यात्रा की संभावना बढ़ जाती है और जातक विदेश से व्यापार करता है।
भाग्य स्थान में बैठकर राहू भी विदेश यात्रा के योग का निर्माण करता है।
कुछ अन्य योग:
- यदि कुंडली में गुरु और चंद्रमा एक साथ हों, तो विदेश यात्रा का योग बनता है।
- यदि कुंडली में सूर्य और बुध एक साथ हों, तो विदेश यात्रा का योग बनता है।
- यदि कुंडली में शुक्र और शनि एक साथ हों, तो विदेश यात्रा का योग बनता है।
महत्वपूर्ण नोट:
इन सभी योगों का फल तभी पूर्ण रूप से प्राप्त होगा जब इन्हें कोई पाप ग्रह खंडित न कर रहा हो। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में विदेश यात्रा के योग हों तो उसे किसी ना किसी कारण से विदेश जाने का मौका मिल ही जाता है। ज्योतिष की मानें तो जब तक आपकी कुंडली में विदेश यात्रा के योग नहीं है तब तक इस दिशा में आपके सारे प्रयत्न विफल हो जाएंगे।
कई बार मेरे पास लोग विदेश यात्रा का प्रश्न लेकर तो आते हैं लेकिन उनके पास अपने जन्म का सही विवरण नही होता है, ऐसे में मुझे प्रश्न कुंडली का सहारा लेना होता है और व्यक्ति के सवालों का उत्तर देना होता है। आइए प्रश्न कुंडली के योगों को जानें।
- यदि प्रश्न कुंडली के लग्न में चर राशि स्थित है और चर राशि ही नवांश के लग्न में हो या द्रेष्काण के लग्न में आती हो तब व्यक्ति का प्रश्न विदेश से संबंधित हो सकता है और अगर उसका प्रश्न जाने के लिए है तब वह विदेश जा सकता है।
- यदि प्रश्न कुंडली का लग्नेश, आठवें या नवम भाव में स्थित हो तब भी विदेश से संबंधित प्रश्न हो सकता है और व्यक्ति जा सकता है।
Conclusions:
अगर आप विदेश यात्रा पर जाने की इच्छा रखते हैं तो रोज़ सुबह उठकर तांबे के लोटे से सूर्य देव को जल अर्पित करें। जल में लाल मिर्ची के दाने डालें। नियमित इस उपाय को करने से सूर्य देव प्रसन्न होते हैं और आपके विदेश गमन के मार्ग प्रशस्त होते हैं। उड़ते हुए हनुमान जी की पूजा करने से भी विदेश यात्रा के योग बनते हैं। हनुमान जी के इस स्वरूप की पूजा करने से जीवन की सभी परेशानियां दूर होती हैं।