कुंडली मिलान में नाड़ी दोष
नाड़ी दोष कुंडली मिलान के दौरान सबसे महत्वपूर्ण घटकों में से एक है। अष्टकूट मिलान में यह 8 अंकों का योगदान करता है, और इसे गंभीर दोष (महादोष) माना जाता है। नाड़ी दोष तब उत्पन्न होता है जब वर और वधू की नाड़ी समान होती है। ऐसा होने पर स्वास्थ्य, संतान पक्ष, और दांपत्य जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना रहती है।
नाड़ी का वर्गीकरण
- आदि नाड़ी:
- नक्षत्र: अश्विनी, आर्द्रा, पुनर्वसु, उत्तराफाल्गुनी, हस्त, ज्येष्ठा, मूल, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद
- प्रमुखता: वात प्रधान
- मध्य नाड़ी:
- नक्षत्र: भरणी, मृगशिरा, पुष्य, पूर्वाफाल्गुनी, चित्रा, अनुराधा, पूर्वाषाढ़ा, धनिष्ठा, उत्तराभाद्रपद
- प्रमुखता: पित्त प्रधान
- अंत्य नाड़ी:
- नक्षत्र: कृत्तिका, रोहिणी, अश्लेषा, मघा, स्वाति, विशाखा, उत्तराषाढ़ा, श्रवण, रेवती
- प्रमुखता: कफ प्रधान
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नाड़ी दोष क्यों होता है?
- स्वास्थ्य संबंधी प्रभाव:
- समान नाड़ी वाले दंपतियों में वात, पित्त, या कफ का संतुलन बिगड़ सकता है, जिससे स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न होती हैं।
- संतान पक्ष पर प्रभाव:
- समान नाड़ी होने से संतानोत्पत्ति में बाधाएं आ सकती हैं।
- वैवाहिक जीवन पर प्रभाव:
- समान नाड़ी से मानसिक असामंजस्य और वैवाहिक समस्याओं की संभावना रहती है।
नाड़ी दोष का परिहार (उपाय)
नाड़ी दोष को समाप्त करने के लिए निम्नलिखित स्थितियां सहायक होती हैं:
- वर-वधू की राशि समान हो लेकिन नक्षत्र अलग हो।
- वर-वधू का नक्षत्र समान हो लेकिन राशि अलग हो।
- वर-वधू के नक्षत्र और राशि समान हो लेकिन नक्षत्र के चरण अलग-अलग हों।
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नाड़ी दोष शांति के उपाय:
- महामृत्यंजय जाप:
- यदि मध्य नाड़ी हो तो पुरुष को 1.25 लाख महामृत्यंजय मंत्रों का जाप करना चाहिए।
- दान और अनुष्ठान:
- गोदान, स्वर्णदान, या सप्तधान्य का दान करें।
- सालगिरह पर अपने वजन के बराबर अन्न दान और ब्राह्मण भोजन करवाएं।
- मारकेश दशा के उपाय:
- दशानाथ पूजा और उपाय दशा के दौरान करें।
विशेष परिस्थितियों में विवाह:
- यदि नाड़ी दोष का परिहार संभव न हो, तो विवाह से बचने की सलाह दी जाती है।
- यदि विवाह करना अनिवार्य हो, तो दोष शांति उपाय जैसे महामृत्यंजय जाप और सामर्थ्यानुसार दान अवश्य करें।
निष्कर्ष:
नाड़ी दोष का विचार कुंडली मिलान में अत्यंत महत्वपूर्ण है, और इसके निवारण के उपाय विवाह को सफल बनाने में सहायक हो सकते हैं। वैज्ञानिक दृष्टिकोण और धार्मिक उपायों का संतुलित प्रयोग नाड़ी दोष के प्रभाव को कम कर सकता है।