लक्ष्मी-नारायण योग
Lakshmi Nrayana Yoga: हिंदू धर्म की मान्यता अनुसार शुक्रवार का दिन माता लक्ष्मी के पूजन को समर्पित होता है। माना जाता है कि इस दिन मां लक्ष्मी पूजन करने से शीघ्र प्रसन्न होती है और भक्तों को सुख, संपत्ति का वर देती हैं। ज्योतिषशास्त्रियों के अनुसार इस शुक्रवार को लक्ष्मी नारायण योग का निर्माण हो रहा है। जो कि माता लक्ष्मी के पूजन के लिए अत्यंत शुभ योग है। इस योग में मां लक्ष्मी का पूजन करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है तथा जीवन में कभी अन्न और धन की कोई कमी नहीं होती है। Consult For Reports
- लग्न, पांचवें, नौवें भाव में शुक्र बुध से बनने वाले लक्ष्मी नारायण योग के प्रभाव से जातक किसी न किसी कला में विशेष दक्ष होता है।
- पांचवें भाव में बनने से बली लक्ष्मी नारायण के प्रभाव से जातक विद्वान् भी होता है।
- शुक्र के साथ बुध और बुध के साथ शुक्र की युति इन दोनों के शुभ प्रभाव को बहुत ज्यादा बढ़ा देती है। धन-धान्य योगों में से यह योग एक योग है।
किन किन राशि में देता है लक्ष्मी-नारायण योग पूर्ण-फल
जन्मकुंडली के अनुसार यह लक्ष्मी-नारायण योग मेष, धनु, मीन लग्न में ज्यादा अच्छा प्रभाव नही दिखाता। बल्कि यह योग वृष, मिथुन, कन्या, तुला राशि में बहुत बली होता है। इसी तरह बारहवें भाव का शुक्र कन्या राशि के आलावा किसी भी राशि में हो तब एक तरह से “भोग योग” बनाता है। यह योग शुक्र से सम्बंधित शुभ फलो में वृद्धि करके जातक को ज्यादा से ज्यादा शुक्र संबंधी शुभ फल मिलते हैं।
शुक्र की स्थिति से कई राजयोग भी बनते है जिसमे शुक्र वर्गोत्तम या अन्य तरह से बलशाली होने पर अकेला राजयोगकारक होता है। यह योग कुछ ही लग्नो में कारगर होते है जैसे कि, कन्या लग्न में शुक्र भाग्येश धनेश होकर योगकारक है। इसी तरह मकर, कुम्भ लग्न की कुंडलियो में यह विशेष राजयोग कारक होता है। इन दोनों मकर, कुम्भ लग्न में किसी भी तरह से यह अकेला भी बलशाली और पाप ग्रहों के प्रभाव से रहित होता है तो राजयोग बनाता है जिसके फल शुभ फल कारक होते है।
लक्ष्मी नारायण योग का निर्माण तब होता है
जब जन्म कुंडली में बुध ग्रह और शुक्र ग्रह की युति बनती है. यानि ये दोनों ग्रह जब साथ आते हैं. ज्योतिष शास्त्र में बुध को बुद्धि, वाणिज्य और शुक्र को लग्जरी लाइफ आदि का कारक माना गया है. जब ये योग बनता है तो व्यक्ति अपनी बुद्धि और प्रतिभा से जीवन में हर प्रकार के सुखों को प्राप्त करता है. ऐसे जातक के जीवन में धन की भी कोई कमी नहीं रहती है. इस योग के कारण व्यक्ति के आय के स्त्रोत एक से अधिक होते हैं, यानि वो कई कार्यों से धन की प्राप्ति करता है.
बुध और शुक्र से बनने वाले इस योग के कारण व्यक्ति जीवन का भी भरपूर आनंद लेता है. ऐसे व्यक्ति कला प्रेमी होते हैं. कला का सरंक्षण भी करते हैं. वहीं जब बुध और शुक्र पर देव गुरु बृहस्पति की दृष्टि पड़ती है तो लक्ष्मी नारायण योग की में चार चांद लग जाते हैं. गुरू का साथ मिलने से ऐसा जातक अपने ज्ञान का भी लाभ प्राप्त करता है. ऐसे लोग ज्ञान और शिक्षा के मामले में विशेष सफलता प्राप्त करते हैं.
लक्ष्मी नारायण योग व्यक्ति प्रतिभावान होते हैं. ऐसे लोग अपनी प्रतिभा से देश और दुनिया में भी सफलता और सराहना प्राप्त करते हैं. जब ये योग जन्म कुंडली के पंचम भाव में बनता है तो विशेष फल प्राप्त होते हैं. शिक्षा और ज्ञान के मामले में यह योग विशेष सफलता प्रदान करता है.
Conclusions:-
किसी जातक की कुंडली (Kundli) में लक्ष्मी नारायण योग का होना बहुत ही शुभ होता है. ज्योतिष (Astrology) के अनुसार जब किसी जातक की कुंडली में यह योग बनता है तो उसे अचानक धनलाभ (Money) होता है और जीवन सुख-समृद्धि से संपन्न हो जाता है. इसके साथ ही इस योग के प्रभाव से व्यक्ति की बुद्धि और प्रतिभा में भी प्रखरता आती है.
अगर आपकी भी कुंडली में लक्ष्मी नारायण योग है तो आप भी भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा के साथ-साथ अन्य कई लाभ भी पा सकते हैं। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।