जीवन में भरपूर सुख और सफलता की प्राप्ति हर मनुष्य का एक सपना होता है। लेकिन सुख-दुख, गम-खुशी, अमीरी-गरीबी तथा रोग एवं स्वास्थ्य आदि कालचक्र के ऎसे धुरे हैं, जो जीवन के चलने के साथ-साथ ही चलते हैं. दुनिया में हर इन्सान किसी न किसी समस्या से जूझ रहा है , जिनमें से एक होती है--व्यक्ति सम्बंधी समस्या जैसे अपने बारे में/अपनी पत्नि/संतान के बारे में,संतान होने या न होने इत्यादि के बारे में, दूसरी स्थान सम्बंधी मसलन किसी स्थान विशेष जैसे जमीन, जायदाद, मकान, व्यवसाय, नौकरी आदि की समस्या और तीसरी धातु अर्थात धन सम्बंधी समस्या. जीवन में आने वाली इन समस्यायों हेतु प्रत्येक व्यक्ति अपने-अपने तरीके से उपाय भी करता है, जिससे कि जीवन को सुखपूर्वक भोगा जा सके.
यहाँ हम आपको आपके जन्म लग्नानुसार कुछ ऎसे ही उपायों की जानकारी दे रहे हैं, जिससे कि आप भी अपनी विभिन्न समस्यायों से सरलतापूर्वक एवं शीघ्रता से निजात पा सकते हैं.
आर्थिक समस्या निवारण हेतु :-
यदि आपकी आय के मार्ग अवरूद्ध होंने लगें अथवा आपका किसी को दिया हुआ पैसा वापिस नहीं मिल पा रहा हो, तो उसके लिए निरन्तर शनिवार के दिन पीपल के 21 अखंडित पत्तों की माला बनाकर श्री हनुमान जी को अर्पित करें एवं इस कालावधि में नित्य संध्या समय श्री हनुमानाष्टक का पाठ करें. आप देखेंगें कि इस उपाय से जहाँ आपकी आमदनी के स्त्रोत खुलने लगे हैं, वहीं यदि किसी के पास आपका धन उधार फंस गया है तो अल्प प्रत्यनों से उसकी प्राप्ति भी होने लगेगी.
भाग्योन्नति हेतु :-
यदि आपको भाग्योन्नति में बार-बार अवरोध कि स्थितियों का सामना करना पड रहा है, अथवा आपका प्रत्येक कार्य सफलता के समीप आकर रूक जाता हो, तो उसके लिए आपको गाय के कच्चे दूध में केसर घिसकर उसका तिलक अपने ललाट एवं नाभि के समीप लगाना चाहिए. साथ ही न्यूनतम 16 बृहस्पतिवार केसरयुक्त चावल कन्यायों अथवा गायों को खिलाना चाहिए.
साथ ही जीवन कल्याणार्थ श्री पीताम्बरा श्रीकवच धारण करना अथवा प्रतिदिन सोने और उठने के समय श्री रामावतार महिमा का पाठ/श्रवण किया करें.
आप देखेंगें कि शनै: शनै: आपके भाग्य के समस्त अवरोध मिटने लगे हैं तथा जीवन में सुख एवं शान्ति का समावेश होने लगा है.
सुरूचिपूर्ण जीवन हेतु :-
यदि आप जीवन में बार-बार परेशानी एवं कार्यों में व्यवधान उत्पन हो रहे हों, तो आपको प्रत्येक मंगलवार के दिन श्री हनुमान जी के मन्दिर में जाकर गुड एवं चने का प्रसाद चढाना चाहिए तथा उस प्रसाद को वहीं मन्दिर में ही बाँट देना चाहिए. साथ ही नित्य प्रात: काल में निम्न मन्त्र का जाप अवश्य किया करें.
ॐ आदिदेव नमस्तुभ्यं सप्तसप्ते दिवाकर !
त्वं रवे तारय स्वास्मानस्मात्संसार सागरात !!
उपरोक्त उपाय के विधिवत निष्पादन से जीवन में अनायास उत्पन हो रही कईं प्रकार की परेशानियों एवं बाधाओं से आपको सहज ही मुक्ति मिलने लगेगी.
सम्पत्ति, वाहन सुख हेतु :-
सम्पत्ति, वाहन सुख हेतु :-
यदि आप जमीन-जायदाद, नजदीकी सगे सम्बन्धियों अथवा वाहन सम्बंधी किसी प्रकार की कोई समस्या/कष्ट का सामना कर रहे हैं, तो इसके लिए सर्वप्रथम दाहिने हाथ की तर्जनी अगुंली में स्वर्ण धातु का एक छल्ला धारण करें एवं तत्पश्चात रात्रि को सवा पाव ( लगभग 300 ग्राम) कच्चा दूध सिरहाने अथवा अपने पलंग के नीचे रखकर सोईये तथा अगले दिन उस दूध को किसी नदी/तालाब/कुँए इत्यादि में विसर्जित कर दें. ऎसा न्यूनतम 7 सोमवार निरन्तर करें तो आपकी समस्या का समाधान स्वत: ही निकलने लगेगा.
दाम्पत्य सुख हेतु:-
दाम्पत्य सुख हेतु:-
यदि आप दाम्पत्य जीवन में व्यवधान यथा पति-पत्नि में विवाद, वैचारिक मतभेद, अशान्ती जन्य किन्ही कष्टों का सामना कर रहे हैं तो उसकी निवृति एवं आपसी सामंजस्य की अभिवृद्धि हेतु आप प्रतिदिन (न्यूनतम 40 दिन) सुगन्धित केवडा मिश्रित जल से भगवान सदाशिव का अभिषेक करें . स्थायी फल प्राप्ति हेतु जीवन में एक बार अपने हाथों किसी उचित स्थान पर 5 फलदार वृक्ष के पौधे अवश्य रौपें .
भय, मानसिक तनाव से मुक्ति हेतु :-
भय, मानसिक तनाव से मुक्ति हेतु :-
यदि आप किसी वजह से मानसिक तनाव में रहते हैं अथवा किसी अज्ञात भय से पीडित हैं, अपने आप को असुरक्षित महसूस करते हैं तो उसके लिए अपने घर में लाल रंग के पुष्प उत्पन्न करने वाले पौधे लगायें तथा प्रतिदिन प्रात:काल अपने सिर को लाल वस्त्र से ढककर कुशा, रौली मिश्रित जल से सूर्यदेव को अर्घ्य दें.