वृषभ लग्न और कष्ट निवारक उपाय
जीवन में भरपूर सुख और सफलता की प्राप्ति हर मनुष्य का एक सपना होता है। लेकिन सुख-दुख, गम-खुशी, अमीरी-गरीबी तथा रोग एवं स्वास्थ्य आदि कालचक्र के ऎसे धुरे हैं, जो जीवन के चलने के साथ-साथ ही चलते हैं. दुनिया में हर इन्सान किसी न किसी समस्या से जूझ रहा है , जिनमें से एक होती है--व्यक्ति सम्बंधी समस्या जैसे अपने बारे में/अपनी पत्नि/संतान के बारे में,संतान होने या न होने इत्यादि के बारे में, दूसरी स्थान सम्बंधी मसलन किसी स्थान विशेष जैसे जमीन, जायदाद, मकान, व्यवसाय, नौकरी आदि की समस्या और तीसरी धातु अर्थात धन सम्बंधी समस्या. जीवन में आने वाली इन समस्यायों हेतु प्रत्येक व्यक्ति अपने-अपने तरीके से उपाय भी करता है, जिससे कि जीवन को सुखपूर्वक भोगा जा सके.
यहाँ हम आपको आपके जन्म लग्नानुसार कुछ ऎसे ही उपायों की जानकारी दे रहे हैं, जिससे कि आप भी अपनी विभिन्न समस्यायों से सरलतापूर्वक एवं शीघ्रता से निजात पा सकते हैं.
आर्थिक समस्या निवारण हेतु :-
यदि आप आजीविका के क्षेत्र में बारबार अवरोध अनुभव कर रहे हैं, कार्यक्षेत्र में अधिकारी वर्ग से सम्बंधों में बिगाड उत्पन्न हो रहा हो अथवा पिता से तनावपूर्व स्थितियों का सामना करना पड रहा हो, तो इसके लिए आपको 13 मुखी रूद्राक्ष धारण करना श्रेष्ठफलदायक सिद्ध होगा. साथ ही नित्य प्रात: ॐ उपेन्द्राय अच्युताय नम : मन्त्र का 10-15 मिनट जाप अवश्य किया करें. आप देखेंगें कि इस उपाय से जहाँ आपकी आमदनी के स्त्रोत खुलने लगे हैं, वहीं सामाजिक संबंधों में भी मधुरता की अभिवृद्धि होने लगी है.इसके अतिरिक्त यदि आपको व्ययाधिक्य के कारण किन्ही आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड रहा हो, तो उसकी निवृति के लिए प्रत्येक रविवार के दिन श्रीलक्ष्मीनारायण अथवा श्री रामदरबार मन्दिर में जाकर भगवान को दण्डवत प्रणाम करें एवं बुधवार के दिन कपिला गाय को चारा खिलाते रहें.
भाग्योन्नति हेतु :-
यदि आपको भाग्योन्नति में बार-बार अवरोध कि स्थितियों का सामना करना पड रहा है, अथवा आपका प्रत्येक कार्य सफलता के समीप आकर रूक जाता हो, तो उसके लिए लगातार 16 शनिवार उडद की दाल की सरसों के तेल में बनी पकौडियाँ/कचौरियाँ भिखारियों को दान में दें. साथ ही प्रतिदिन रात को सोने से पूर्व "जन्मान्तरम सहस्त्रेषु, दारिद्रयं नोपजायते" मन्त्र का जाप अवश्य किया करें आप देखेंगें कि शनै: शनै: आपके भाग्य के समस्त अवरोध हटकर जीवन में शान्ति एवं समृद्धि का समावेश होने लगा हैं.
सुरूचिपूर्ण जीवन हेतु :-
यदि आप जीवन में बार-बार परेशानी एवं कार्यों में व्यवधान उत्पन हो रहे हों, तो आपको प्रत्येक गुरूवार के दिन किसी ब्राह्मण को फल का दान अवश्य करते रहना चाहिए. इसके अतिरिक्त नित्य प्रात: अथवा संध्या समय कुछ देर निम्न मन्त्र का जाप करें. ॐ ह्रीं हिमकुन्द मृणालाभं दैत्यानां परमं गुरूम ! सर्वशास्त्र प्रवक्तारं भार्गवं प्रणमाम्यहम !! इससे आपको जीवन में अनायास उत्पन हो रही कईं प्रकार की परेशानियों एवं बाधाओं से सहज ही मुक्ति मिलने लगेगी.
सम्पत्ति, वाहन सुख प्राप्ति हेतु :-
यदि आप जमीन-जायदाद, नजदीकी सगे सम्बन्धियों अथवा वाहन सम्बंधी किसी प्रकार की कोई समस्या/कष्ट का सामना कर रहे हैं, तो इसके लिए सर्वप्रथम चाँदी में मंडवाकर गले में एक पंचमुखी रूद्राक्ष धारण करें. उसके बाद नित्य रात्रि को ताबें के किसी पात्र में जल भरकर रखें तथा सुबह स्नानादि पश्चात उस जल में एक चुटकी भर चावल मिलाकर भगवान सूर्यदेव को अर्घ्य दें. तत्पश्चात घर के बडे-बुजुर्गों के चरण-स्पर्श करें. यदि उस समय घर में कोई बुजुर्ग व्यक्ति न हो अथवा परिवार से कहीं दूर निवास कर रहे हों तो आप इसे मानसिक रूप से भी कर सकते हैं. ऎसा लगातार कम से कम तीन माह की अवधि तक निरन्तर करें तो आपकी समस्या का समाधान स्वत: ही निकलने लगेगा.
दाम्पत्य सुख हेतु:-
यदि आप दाम्पत्य जीवन में व्यवधान यथा पति-पत्नि में विवाद, वैचारिक मतभेद, अशान्ती जन्य किन्ही कष्टों का सामना कर रहे हैं तो उसकी निवृति एवं आपसी सामंजस्य की अभिवृद्धि हेतु आप न्यूनतम 12 मंगलवार लगातार श्री हनुमान जी के सम्मुख शुद्ध घी का द्विमुखी दीपक प्रज्वलित करें तथा उन्हे लाल चन्दन की माला अर्पित करें. साथ ही अभक्ष्य पदार्थों के सेवन से यथासंभव बचकर रहें.
भय, मानसिक तनाव से मुक्ति हेतु :-
यदि आप किसी वजह से मानसिक तनाव में रहते हैं अथवा किसी अज्ञात भय से पीडित हैं, अपने आप को असुरक्षित महसूस करते हैं तो उसके लिए अपने परिवार की किसी विवाहित स्त्री को लाल रंग का वस्त्र उपहार में दें एवं अपने इष्टदेव को नित्य प्रात:काल केसर + रक्त चन्दन का तिलक लगायें.