कुंभ लग्न और समस्या निवारक उपाय
आर्थिक समस्या निवारण हेतु:-
यदि आप आजीविका के क्षेत्र में बारबार अवरोध अनुभव कर रहे हैं, कार्यक्षेत्र में अधिकारी वर्ग से सम्बंधों में बिगाड उत्पन्न हो रहा हो अथवा पिता से तनावपूर्व स्थितियों का सामना करना पड रहा हो, तो इसके लिए सर्वप्रथम अपने घर एवं कार्यस्थल दोनो जगह पर चाँदी के किसी पात्र में शहद भरकर स्थापित करें.
किसी भी माह की पूर्णिमा तिथि के दिन श्री विष्णु मन्दिर में श्वेत वस्त्र का बना एक ध्वज अर्पित करें.
शनिवार के दिन चाँदी और स्वर्ण मिश्रित धातु का छल्ला मध्यमा अंगुली में तथा स्वर्ण मंडित तेरहमुखी रूद्राक्ष गले में धारण करें.
नियमपूर्वक प्रत्येक बुधवार एक नारियल और 11 छुआरे देवी मन्दिर में अर्पित किया करें.
इसके अतिरिक्त यदि आपको व्ययाधिक्य के कारण किन्ही आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड रहा हो, तो उसकी निवृति के लिए टोपी/पगडी/वस्त्र आदि से सिर को ढाँपकर गुरूवार के दिन किसी पीपल के वृक्ष की 9 परिक्रमा अवश्य किया कीजिए.
केवलमात्र सिर्फ इन चन्द उपायों के करने से ही आप देखेंगें कि जहाँ एक ओर आपकी आमदनी के स्त्रोत खुलने लगे हैं, वहीं सामाजिक संबंधों में भी मधुरता की अभिवृद्धि होने लगी है.
भाग्योन्नति हेतु:-
यदि आपको भाग्योन्नति में बार-बार अवरोध कि स्थितियों का सामना करना पड रहा है, अथवा आपका प्रत्येक कार्य सफलता के समीप आकर रूक जाता हो, तो उसके लिए आपको केवलमात्र सिर्फ एक उपाय करना है कि किसी भी माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन परिवार के समस्त सदस्यों को साथ लेकर आप गंगास्नान करें.
तत्पश्चात जीवन पर्यन्त प्रत्येक अमावस्या के दिन किसी सुयोग्य विद्वान ब्राह्मण को घर बुलाकर भोजन अवश्य कराते रहें.
केवलमात्र इसी उपाय के करने से आप देखेंगें कि शनै: शनै: आपके भाग्य के समस्त अवरोध मिटकर जीवन में एक नई उर्जा, शान्ति एवं स्थायी सुख-समृद्धि का समावेश होने लगा हैं.
सम्पत्ति, वाहन सुख प्राप्ति हेतु:-
यदि आप जमीन-जायदाद, नजदीकी सगे सम्बन्धियों अथवा वाहन सम्बंधी किसी प्रकार की कोई समस्या/कष्ट का सामना कर रहे हैं, तो इसके लिए आपको 16 सोमवार लगातार सवा 2 किलो कच्चा दूध और हरा हकीक रत्न किसी नदी/ नहर इत्यादि बहते जल में प्रवाहित करना चाहिए.
इसके साथ ही शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को श्वेत वस्त्र में दो छ:मुखी रूद्राक्ष और चाँदी का छोटा सा त्रिशूल बाँधकर घर के पूजास्थल में स्थापित करें एवं नित्य प्रात: श्री शिव चालीसा का पाठ अवश्य किया करें.
यदि आप विधिपूर्वक उपरोक्त उपाय को सम्पन्न कर सकें तो समझिए कि आप सम्पत्ति,वाहन अथवा सामाजिक व्यवहार एवं य़श-मान सम्बन्धी समस्त समस्यायों से बेहद आसानी से मुक्ति पा सकेंगें.
सुरूचिपूर्ण जीवन हेतु:-
यदि आप जीवन में बार-बार परेशानी एवं दैनिक कार्यों में व्यवधान अनुभव कर रहे हों, तो आपको प्रतिदिन सुबह अपने इष्टदेव के सम्मुख तिलों के तेल का दीपक अवश्य जलाते रहना चाहिए.
यदि आपकी जन्मकुंडली में शुक्र नीच राशि में स्थित न हो तो आप सवा 7 रत्ती का अमेरिकन डायमंड दाहिने हाथ की मध्यमा अंगुली में धारण कर सकते हैं अन्यथा शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि के दिन एक नवमुखी रूद्राक्ष गले में धारंण करें.
प्रत्येक सक्रान्ति को परिवार के समस्त सदस्यों का हाथ लगवाकर सवा किलो कच्ची खिचडी किसी भिखारी को दान करते रहें, तो इन उपायों से जहाँ एक ओर आपका जीवन सुगम होगा, वहीं आपको जीवन में अनायास उत्पन हो रही कईं प्रकार की परेशानियों एवं बाधाओं से भी सहज रूप में ही मुक्ति मिलने लगेगी.
पारिवारिक कलह मुक्ति एवं दाम्पत्य सुख प्राप्ति हेतु:-
यदि आप दाम्पत्य जीवन में व्यवधान यथा पति-पत्नि में विवाद, वैचारिक मतभेद, अशान्ती जन्य किन्ही कष्टों का सामना कर रहे हैं तो उसकी निवृति एवं आपसी सामंजस्य की अभिवृद्धि हेतु आपको नियमित रूप से श्री सूर्य गायत्री का पाठ करना चाहिए.
कम से कम 12 रविवार लगातार भगवान शिव का अभिषेक कर शिवलिंग पर गौ घृत मिश्रित लाल रक्त चन्दन का लेप लगायें.
धर्मपत्नि को वर्ष में कम से कम दो बार कुछ दिनो के लिए अपने पीहर (मायके) भेजें.
पति 24 या 32 ग्राम वजन का चाँदी का कडा तथा पत्नि लाख की चूडी अवश्य धारण किये रहे तो समझिए आपके दाम्पत्य जीवन में परस्पर प्रेम, माधुर्य एवं शान्ती का समावेश होने लगा है.
* एक बात का विशेष तौर पर ध्यान रखें कि अपना श्यनकक्ष ( Bedroom) कभी भूलकर भी घर के नैऋत्य कोण अर्थात दक्षिण-पश्चिम ( South-West) दिशा में न बनायें अन्यथा आपसी तनाव की सदैव बनी ही रहेगी.
भय, मानसिक तनाव से मुक्ति हेतु:-
यदि आप किसी वजह से मानसिक तनाव में रहते हैं अथवा किसी अज्ञात भय से पीडित हैं, अपने आप को असुरक्षित महसूस करते हैं तो उसके लिए सर्वप्रथम किसी भिखारी को शनिवार अथवा बुधवार के दिन नीला वस्त्र और चमडे की जूती/चप्पल दान करें.
अपने भवन की उत्तर दिशा में सफेद हंस की एक पत्थर की प्रतिमा स्थापित करें.
सोते समय सिरहाने एक चुटकी भर सुहागा लाल कागज की पुडिया में बाँधकर रखे रहें.
इन साधारण से उपायों से एक ओर जहाँ आपको मानसिक तनाव/भय/दबाव इत्यादि से मुक्ति मिलने लगेगी, वहीं परिवार के अन्य सदस्यों की भिन्न-भिन्न विचारधाराओं से मन में उपजने वाली उदासीनता एवं वैमनस्य का भाव भी जागृत नहीं हो पायेगा.