मकर लग्न और समस्या निवारक उपाय
आर्थिक समस्या निवारण हेतु:-
यदि आप आजीविका के क्षेत्र में बारबार अवरोध अनुभव कर रहे हैं, कार्यक्षेत्र में अधिकारी वर्ग से सम्बंधों में बिगाड उत्पन्न हो रहा हो, पिता से तनावपूर्व स्थितियों का सामना करना पड रहा हो अथवा अत्यधिक परिश्रम के उपरान्त भी व्यवसायिक कार्यों में सफलता की प्राप्ति न हो पा रही हो, तो इसके लिए आपको सर्वप्रथम शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन दाहिने हाथ की मध्यमा अंगुली में सवा 7 रत्ती वजन का ओपल रत्न तथा गले में एक चौदहमुखी रूद्राक्ष धारण करना चाहिए.
घर/कार्यस्थल की पश्चिम दिशा में, गमले में सफेद फूलों वाले पौधे लगाकर रखें. लगातार 21 मंगलवार सिन्दूर, जायफल, शुद्ध घी, लाल रंग के पुष्प, बून्दी के 2 लड्डू, पान का एक पत्ता और 5 छुआरे संध्या समय श्री हनुमान जी के चरणौं में अर्पित कर श्री हनुमान चालीसा का पाठ करें. केवलमात्र सिर्फ एक इसी उपरोक्त उपाय के करने से ही आप देखेंगें कि जहाँ आपकी आमदनी के स्त्रोत खुलने लगे हैं, वहीं सामाजिक संबंधों में भी मधुरता की अभिवृद्धि होने लगी है.
इसके अतिरिक्त यदि आपको व्ययाधिक्य के कारण किन्ही आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड रहा हो, तो उसकी निवृति के लिए घर के पूजनस्थल पर अष्टधातु निर्मित श्री कनकधारा यन्त्र स्थापित करें एवं उस पर लगातार 43 दिन तक नियमित मात्र एक गुलाब का पुष्प अर्पित किया करें.
भाग्योन्नति हेतु:-
यदि आपको भाग्योन्नति में बार-बार अवरोध कि स्थितियों का सामना करना पड रहा है, अथवा आपका प्रत्येक कार्य सफलता के समीप आकर रूक जाता हो, तो उसके लिए सर्वप्रथम शुक्ल पक्ष के बुधवार के दिन सवा 9 रत्ती वजन का गोमूत्री रत्न दाहिने हाथ की मध्यमा अंगुली में धारण करें अथवा स्वर्ण मंडित एक द्विमुखी रूद्राक्ष गले में धारण करें.
कम से कम 11 मंगलवार लगातार 2 बून्दी के लड्डू, 5 पान के पत्ते और एक नारियल लेकर रातभर उन्हे अपने सिरहाने रखें और अगले दिन इस सामग्री को किसी नदी/नहर इत्यादि बहते जल में प्रवाहित करें.
अपने घर या कार्यस्थल की दक्षिण दिशा में सिन्दूर और शहद से भरे दो पात्र सदैव रखें रहें.
आप देखेंगें कि शनै: शनै: आपके भाग्य के समस्त अवरोध हटकर जीवन में शान्ति एवं समृद्धि का समावेश होने लगा हैं.
सम्पत्ति, वाहन सुख प्राप्ति हेतु:-
यदि आप जमीन-जायदाद, नजदीकी सगे सम्बन्धियों अथवा वाहन सम्बंधी किसी प्रकार की कोई समस्या/कष्ट का सामना कर रहे हैं, तो इसके लिए आप प्रति शुक्रवार भूरे/काले अथवा अन्य किन्ही भी दो रंग के सांड को गुड मीठी रोटी खिलायें.
लगातार एक वर्ष तक प्रतिमास शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से पूर्णिमा तक नित्य चन्द्रमा को कच्चे दूध में कुशा एवं जल मिलाकर अर्घ्य अर्पित करें. इसके अतिरिक्त पूर्णिमा के दिन गले में चाँदी का एक मोती अवश्य धारण करें. यदि आप विधिपूर्वक उपरोक्त उपाय को सम्पन्न कर सकें तो समझिए कि आप सम्पत्ति,वाहन अथवा सामाजिक व्यवहार एवं य़श-मान सम्बन्धी समस्त समस्यायों से बेहद आसानी से मुक्ति पा सकेंगें.
सुरूचिपूर्ण जीवन हेतु
यदि आप जीवन में बार-बार परेशानी एवं कार्यों में व्यवधान अनुभव कर रहे हों, तो इसकी निवृति हेतु आपको अपने घर में केले के दो पौधे लगाकर उनकी नियमित रूप से देखभाल करनी चाहिए एवं परिवार का कोई भी सदस्य संध्या समय उसके समीप शुद्ध घी का दीपक अवश्य जलाया करे.
अपने रसोईघर में पीतल का कोई पात्र अवश्य रखें तथा उसे नियमित रूप से उपयोग में लाया करें.
साथ ही प्रत्येक बृहस्पतिवार देसी पान के 3 साबुत पत्ते लेकर भगवान शिव को अर्पित करते रहें.
इस उपरोक्त उपाय से जहाँ एक ओर आपका जीवन सुगम होगा, वहीं आपको यदाकदा जीवन में अनायास उत्पन होने वाली कईं प्रकार की परेशानियों एवं बाधाओं से भी सहज ही मुक्ति मिलने लगेगी.
पारिवारिक कलह मुक्ति एवं दाम्पत्य सुख प्राप्ति हेतु:-
यदि आप दाम्पत्य जीवन में व्यवधान यथा पति-पत्नि में विवाद, वैचारिक मतभेद, अशान्ती जन्य किन्ही कष्टों का सामना कर रहे हैं तो उसकी निवृति एवं आपसी सामंजस्य की अभिवृद्धि हेतु आप प्रत्येक माह शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से पूर्णिमा तिथि तक नित्य केसर + कपूर मिश्रित जल द्वारा रूद्राभिषेक करें.
सफेद रंग के वस्त्र में 125 ग्राम चावल, चाँदी के 4 छोटे चौकोर टुकडे एवं एक मुट्ठी नागकेसर बाँधकर अपने घर की उत्तर दिशा में किसी स्थान पर रख दें.
चाँदी में मंडवाकर द्वादशमुखी रूद्राक्ष शुक्ल पक्ष के किसी भी शुक्रवार के दिन गले में धारण करें.
इस बात का विशेष रूप से स्मरण रखें कि उपाय अवधि में अंडा/माँस/शराब आदि किसी भी प्रकार के तामसिक पदार्थ का सेवन पूर्णत: वर्जित है.
भय, मानसिक तनाव से मुक्ति हेतु:-
यदि आप किसी वजह से मानसिक तनाव में रहते हैं अथवा किसी अज्ञात भय से पीडित हैं, अपने आप को असुरक्षित महसूस करते हैं तो उसके लिए 11 बुधवार लगातार एक नारियल नीले वस्त्र में लपेटकर किसी भिखारी को दान करें.
अपने श्यनकक्ष में ताबें का एक पिरामिड स्थापित करें.
नित्य मानसिक रूप से निम्न मन्त्र का जाप अवश्य किया करें.
मन्त्र:- ॐ अतिक्रकर महाकाय, कल्पान्त दहनोपम भैरवाय नमस्तुभ्यमनुज्ञां दातुमहसि !!
इस उपरोक्त उपाय से एक ओर जहाँ आपको मानसिक तनाव/भय/दबाव इत्यादि से मुक्ति मिलने लगेगी, वहीं परिवार के अन्य सदस्यों की भिन्न-भिन्न विचारधाराओं से मन में उपजने वाली उदासीनता एवं वैमनस्य का भाव भी कदापि जागृत नहीं हो पायेगा.