Wealth Post Marriage | सर्वाष्टकवर्ग कुंडली कैसे देखा जाता है 🛞| How to read Sarvashtak 🪂
अष्टकवर्ग विद्या में ‘सर्वाष्टकवर्ग’ एक ऐसा वर्ग या कुंडली है जिसकी मदद से फलकथन करना बेहतर व सटीक होता है। ‘सर्वाष्टकवर्ग’ कुंडली कंप्यूटर की मदद से आसानी से बनाई जा सकती है। कुछ कुंडलियों का सर्वाष्टकवर्ग की कसौटी पर विश्लेषण करने पर सर्वाष्टकवर्ग से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण तथ्य सामने आए जो इस प्रकार हैं।
सर्वाष्टकवर्ग में यदि नवम, दशम, एकादश व लग्न भाव बली हों अर्थात इनमें 28 से अधिक बिंदु हों, दशम भाव के बिंदुओं की संख्या से एकादश भाव के बिंदुओं की संख्या अधिक हो और व्यय भाव के बिंदुओं की संख्या कम हो तथा लग्न में भी अधिक बिंदु हों तो जातक धन धान्य से संपन्न और हर तरह से समृद्ध होता है। इसके विपरीत लाभ स्थान के बिंदुओं की संख्या व्यय भाव के बिंदुओं की संख्या से कम हो तथा लग्न में भी कम बिंदु हों तो जातक दरिद्र होता है।https://www.jyotishgher.in
यदि 11वें भाव के बिंदुओं की संख्या 10वें भाव के बिंदुओं से अधिक हो तो कम परिश्रम से अधिक आय होती है और जातक उन्नति करता है। यह अंतर जितना अधिक होता है उतनी ही ज्यादा उन्नति होती है
यदि 7वें भाव में 5वें भाव से अधिक शुभ बिंदु हों तो जातक दवंग होता है