सावन में कैसे पूजा करनी चाहिए
सावन का महीना हिन्दू धर्म में विशेष महत्त्व रखता है। यह महीना भगवान शिव को समर्पित होता है और इसमें की जाने वाली पूजा का विशेष फल मिलता है। सावन में पूजा करते समय कुछ खास विधियाँ और नियमों का पालन करना आवश्यक होता है।
पूजा की तैयारी:
सावन में पूजा की शुरुआत होती है घर को साफ-सुथरा बनाने से। सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और शुद्ध वस्त्र धारण करें। पूजा स्थान को साफ करें और गंगाजल से शुद्ध करें। भगवान शिव की प्रतिमा या शिवलिंग को पंचामृत से स्नान कराएँ और उसके बाद शुद्ध जल से धोएं।
पूजा सामग्री:-1
पूजा के लिए बेलपत्र, धतूरा, भांग, गंगाजल, चंदन, अक्षत, फूल, दीपक, धूप, और नैवेद्य (फल और मिठाई) आदि की व्यवस्था करें। बेलपत्र का विशेष महत्त्व होता है, इसे तीन पत्तियों वाला होना चाहिए और पत्तियों पर कोई भी कट या छेद नहीं होना चाहिए।
ये है पूजन सामग्री-2
पूजन सामग्री में जल, दूध, दही, चीनी, घी, शहद, पंचामृत, मोली, वस्त्र, जनेऊ, चंदन, रोली, चावल, फूल, बेलपत्र, भांग, आक-धतूरा, कमल गट्टा, प्रसाद, पान-सुपारी, लौंग, इलायची, मेवा, दक्षिणा चढ़ाया जाता है।
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पूजा विधि:
पूजा की शुरुआत ओम नमः शिवाय मंत्र के उच्चारण से करें। भगवान शिव का अभिषेक करें, पहले जल से, फिर पंचामृत से और अंत में गंगाजल से। इसके बाद भगवान शिव को चंदन, अक्षत, और फूल अर्पित करें। दीपक और धूप जलाएँ। बेलपत्र और धतूरा अर्पित करें, और नैवेद्य अर्पित करें।
विशेष मंत्र:
पूजा के दौरान महामृत्युंजय मंत्र, रुद्राष्टकम, और शिव पंचाक्षर स्तोत्र का पाठ करें। यह मंत्र भगवान शिव की कृपा प्राप्ति और जीवन में सुख-समृद्धि के लिए अत्यंत प्रभावशाली माने जाते हैं।
सावधानियाँ:
सावन में पूजा करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। पूजा के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करें और शुद्ध आहार का सेवन करें। मन को शांत रखें और किसी भी प्रकार के क्रोध या हिंसा से बचें। पूजा के बाद प्रसाद को परिवार के सभी सदस्यों में बाँटें।
महत्त्व:
सावन में की गई पूजा का विशेष महत्त्व होता है। यह भगवान शिव की कृपा प्राप्ति का समय होता है और इस दौरान की गई पूजा से व्यक्ति के सभी कष्ट दूर होते हैं। सावन में शिव आराधना से मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं और जीवन में सुख-शांति का वास होता है।
इस प्रकार, सावन में पूजा करते समय इन विधियों और सावधानियों का पालन करें और भगवान शिव की कृपा प्राप्त करें। सावन का महीना आपके जीवन में नई ऊर्जा और सकारात्मकता लेकर आए, यही कामना है।
सावन में क्या क्या चढ़ाना चाहिए?
इस मास में भगवान शिव को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद पाने के लिए विधिवत पूजा करने का विधान है। बाबा भोलेनाथ को जल, दूध, दही, शक्कर, भस्म, शहद, दूर्वा, बेलपत्र, आक का फूल, धतूरा सहित अन्य चीजें अर्पित की जाती है।
सावन में शिवलिंग पूजा कैसे करें?
गणेश जी के बाद शिवलिंग और माता पार्वती की मूर्ति स्थापित करके जल और दूध से अभिषेक करना चाहिए। आप चाहें तो पंचामृत से भी अभिषेक कर सकते हैं। इसके लिए दूध, दही, घी, शहद और मिश्री को मिलाकर पंचामृत बनाना चाहिए। पंचामृत के बाद जल से भी अभिषेक करना चाहिए।
शिव जी को कौन सा फल पसंद है?
शिवजी को बेर बहुत प्रिय है, महाशिवरात्रि के दिन शिव जी को बेर चढ़ाना चाहिए महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर बेर चढ़ाने से सभी प्रकार की समस्याओं से मुक्ति मिलती है.
सावन में शिवलिंग पर क्या नहीं चढ़ाना चाहिए?
शास्त्रों में बताया गया है कि शिवलिंग पर केतकी, कनेर या लाल रंग के फूल जैसे कमल आदि अर्पित नहीं किए जाते। शिवलिंग पर इन फूलों के अलावा अन्य फूल अर्पित कर सकते हैं। महादेव बेलपत्र, भांग, धतूरा, जलाभिषेक आदि चीजें से ही प्रसन्न हो जाते हैं इसलिए शिवलिंग के पूजन में इन तरह के फूलों का प्रयोग करना वर्जित बताया गया है।
इन चीजों का न करें सेवन
श्रावण माह में दूध, शकर, दही, तेल, बैंगन, पत्तेदार सब्जियां, प्याज, लहसुन, नमकीन या मसालेदार भोजन, मिठाई, मांस और मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। जिसकी शारीरिक स्थिति ठीक न हो व्रत करने से उत्तेजना बढ़े और व्रत रखने पर व्रत भंग होने की संभावना हो उसे व्रत नहीं करना चाहिए। व्रत या उपवास में सूर्यास्त तक निराहार रहा जाता है और नमक का सेवन नहीं किया जाता केवल सेंधा नमक का सेवन ही मान्य है।