पति-पत्नी के बीच झगड़े का कारण कौन से ग्रह हैं
पति-पत्नी का रिश्ता बेहद खास और संवेदनशील होता है। यह स्वाभाविक है कि किसी भी रिश्ते में छोटी-मोटी नोंक-झोंक हो, लेकिन कई बार जब झगड़े जरूरत से ज्यादा बढ़ने लगते हैं, तो यह रिश्ते में कड़वाहट ला सकता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पति-पत्नी के बीच आपसी तालमेल का सीधा संबंध ग्रहों की स्थिति से होता है। दोनों की कुंडली में ग्रह-नक्षत्रों की दशा उनके वैवाहिक जीवन पर गहरा प्रभाव डालती है। पति के वैवाहिक जीवन पर शुक्र ग्रह का प्रभाव होता है, जबकि पत्नी के लिए बृहस्पति ग्रह प्रमुख भूमिका निभाता है। शुक्र और बृहस्पति के अलावा, शनि, सूर्य, मंगल, राहु और केतु भी वैवाहिक जीवन में समस्याएं उत्पन्न कर सकते हैं, जबकि चंद्रमा, बुध और बृहस्पति इन समस्याओं को कम करने में सहायक होते हैं। वहीं मंगल की स्थिति के कारण ससुराल संबंधी मुद्दों को लेकर भी पति-पत्नी में झगड़े की संभावना रहती है।
पति-पत्नी के बीच कलह के अन्य कारण
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यदि दूसरी और सप्तम भाव में लग्न हो और गुरु शुभ हो, तो पत्नी अपने पति को अपने अनुसार चलाने की कोशिश करती है। इसके अलावा, यदि स्त्री की कुंडली में गुरु अच्छा हो तो उसे धनवान पति मिलता है, जबकि पुरुष की कुंडली में शुक्र की शुभ स्थिति उसे आज्ञाकारी पत्नी प्रदान करती है। लग्नेश और सप्तमेश यदि छठे, आठवें या बारहवें भाव में हों, तो यह भी पति-पत्नी के बीच कलह का कारण बनता है। For direct personal consulataion write PC4JG & send it care.jyotishgher@gmail.com
ग्रहों की विशेष स्थिति में होने वाले झगड़े
ज्योतिष के अनुसार, यदि सप्तमेश छठे, आठवें या बारहवें भाव में स्थित हो या पंचम भाव में हो, तो यह पति-पत्नी के बीच तनाव का कारण बन सकता है। यदि कुंडली के सप्तम भाव में शनि, मंगल, सूर्य, राहु-केतु जैसे क्रूर ग्रहों की पूर्ण दृष्टि हो या इन ग्रहों की युति सप्तम भाव में हो, तो भी पति-पत्नी के बीच लगातार झगड़े होने की संभावना रहती है। यदि जीवनसाथी की कुंडली में वृश्चिक लग्न हो, तो भी झगड़ों की संभावना अधिक होती है।
ग्रहों की युति
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, यदि कुंडली में गुरु शुभ तो पत्नी अपने पति को अपने वश में रखने की कोशिश करती है। इसके अलावा यदि किसी स्त्री की कुंडली में गुरु उच्च स्थिति में है तो पुरुष को धन की भी प्राप्ति होती है। वहीं पुरुष की कुंडली में शुक्र अच्छी स्थिति में हो तो आज्ञाकारी पत्नी मिलती है। इसके अलावा लग्नेश और सप्तमेश अगर छठे, 8वें और 12वें भाव में हो तो पति-पत्नी के बीच बहुत विवाद होता है।
तलाक के लिए जिम्मेदार ग्रहों की स्थिति
- जब कुंडली में मौजूद गुरू में शुक्र की दशा चल रही हो या शुक्र में गुरू की दशा चल रही हो तो पति-पत्नी का रिश्ता खराब होना शुरू हो जाता है.
- वर-वधु की कुंडली में जब शनि सप्तम भाव में चला जाता है तब रिश्ते टूटने की कगार पर पहुंच जाते हैं.
- वर या वधु की कुंडली के सप्तम या अष्टम भाव में जब कोई शैतान ग्रह पहुंच जाता है तो वह रिश्ता टूटने लगता है.
- इसके अलावा कुंडली के चौथे भाव का स्वामी छठे भाव में चला जाए या छठे भाव का स्वामी चौथे भाव में चला जाए तो ऐसी स्थिति में भी तलाक की आशंका बढ़ जाती है.
- इसके साथ ही जब जन्म कुंडली में शुक्र ग्रह मूल, ज्येष्ठा, कृत्तिका या आर्द्रा नक्षत्र में मौजूद हो तो रिश्ता टूटने का खतरा रहता ह
- जब किसी जातक की कुंडली में राहु और चंद्रमा नीच में स्थित हो और इनका संबंध कुंडली के सातवें भाव से बन रहा हो तो जीवनसाथी के बीच में शक और मतभेद ज्यादा पैदा होते हैं.
- ज्योतिष गणना के अनुसार गुरु और शुक्र ग्रह विवाह के कारक ग्रह होते हैं ऐसे में अगर कुंडली में गुरु या फिर शुक्र ग्रह नीच में हो और इनका संबंध कुंडली के सातवें भाव में बन रहा है तो वैवाहिक जीवन में हमेशा कटुता आती है.
पति-पत्नी के झगड़े का परिणाम
पति-पत्नी के बीच झगड़े होना सामान्य बात है, लेकिन जब ये झगड़े हद से ज्यादा बढ़ने लगते हैं, तो रिश्ते में खटास आने लगती है और वैवाहिक जीवन के सपने बिखरने लगते हैं। ऐसी स्थिति में लगता है कि जैसे सब कुछ खत्म हो गया और रिश्ता टूटने की कगार पर पहुंच जाता है। Download jyotishgher android app for free dashboard
पति अगर बात नहीं माने तो क्या करें?
अपने प्यार को जताने के साथ अपने पति से अपनी जरूरतों के बारे में बात करें। उन्हें पहले समझने का प्रयास करें कि आपको क्या चाहिए। प्यार भरे शब्दों से बात की शुरुआत करें और उन्हें अपने प्यार का एहसास कराएं। इससे आपका रिश्ता मजबूत होगा।
रोज झगड़ा हो तो क्या करें?
अगर पति-पत्नी के बीच लंबे समय से झगड़े हो रहे हों, तो रोजाना रात में सोते समय सिरहाने पर कपूर रखें और अगली सुबह उसे जला दें। इस उपाय से रिश्ते में मधुरता आती है और झगड़े कम होते हैं।रसोईघर सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह की ऊर्जा का केंद्र होता है। इसलिए रात को भोजन करने के बाद रसोई में जूठे बर्तन नहीं छोड़ने चाहिए, और किचन को भी साफ सुथरा रखना चाहिए। शयन कक्ष में फूल पत्तियों, पक्षियों के जोड़े, और राधा कृष्ण की जुगल जोड़ी की तस्वीर लगाने से भी पति पत्नी का रिश्ता मधुर होता है। पति पत्नी को अपने संबंध अच्छे रखने के लिए प्रतिदिन गौरी गणेश की पूजा करनी चाहिए।
ज्योतिष उपाय और सलाह
अगर किसी जातक की कुंडली में मंगल ग्रह अशुभ भाव में मौजूद हो या फिर इसक संबंध कुंडली के सातवें और पांचवें भाव से हो तो पति-पत्नी के बीच अक्सर लड़ाई-झगड़े होते रहते हैं. इसके अलावा अगर किसी जातक की कुंडली में शनि या राहु सातवें भाव में नीच में मौजूद हो तो व्यक्ति का वैवाहिक जीवन अच्छा नहीं रहता है. आइए कुछ ऐसे दूसरे अशुभ योगों के बारे में जानते हैं जिससे वैवाहिक जीवन में तनाव का कारण बनता है. ज्योतिष शास्त्र में कई ऐसे उपाय बताए गए हैं, जो जीवन की विभिन्न समस्याओं का समाधान कर सकते हैं। चाहे वह वैवाहिक जीवन की समस्या हो, करियर की अड़चन हो, या पारिवारिक कलह—इन उपायों से सफलता प्राप्त की जा सकती है। ज्योतिषीय सलाह के लिए अपनी जन्म तिथि, जन्म समय और जन्म स्थान के साथ अपनी समस्या जरूर बताएं।