Navratri Mantra
नवरात्रि के दौरान विभिन्न देवियों की पूजा की जाती है और उनके मंत्रों का जाप किया जाता है। इन मंत्रों के जाप से कई लाभ प्राप्त होते हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख लाभ निम्नलिखित हैं:
- शक्ति और आत्मविश्वास: नवरात्रि मंत्रों का जाप करने से व्यक्ति में शक्ति और आत्मविश्वास बढ़ता है।
- सकारात्मक ऊर्जा: मंत्रों का जाप करने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है, जिससे जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
- मन की शांति: मंत्रों का जाप करने से मन शांत और स्थिर होता है, जिससे तनाव और चिंता दूर होती है।
- सफलता और उन्नति: नवरात्रि मंत्रों का जाप करने से व्यक्ति को सफलता और उन्नति प्राप्त होती है।
- सुरक्षा और रक्षा: मंत्रों का जाप करने से व्यक्ति को सुरक्षा और रक्षा प्राप्त होती है।
- आध्यात्मिक विकास: नवरात्रि मंत्रों का जाप करने से व्यक्ति का आध्यात्मिक विकास होता है
नवदुर्गा मंत्र
1. मां शैलपुत्री बीज मंत्र: ह्रीं शिवायै नम:
स्तुति मंत्र:
या देवी सर्वभूतेषु मां शैलपुत्री रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
2. मां ब्रह्मचारिणी बीज मंत्र: ह्रीं श्री अम्बिकायै नम:
स्तुति मंत्र:
या देवी सर्वभूतेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
3. मां चंद्रघंटा बीज मंत्र: ऐं श्रीं शक्तयै नम:
स्तुति मंत्र:
या देवी सर्वभूतेषु मां चन्द्रघण्टा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
4. मां कूष्मांडा बीज मंत्र: ऐं ह्री देव्यै नम:
स्तुति मंत्र:
या देवी सर्वभूतेषु मां कूष्माण्डा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
5. मां स्कंदमाता बीज मंत्र: ह्रीं क्लीं स्वमिन्यै नम:
स्तुति मंत्र:
या देवी सर्वभूतेषु मां स्कन्दमाता रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
6. मां कात्यायनी बीज मंत्र: क्लीं श्री त्रिनेत्रायै नम:
स्तुति मंत्र:
या देवी सर्वभूतेषु मां कात्यायनी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
7. मां कालरात्रि बीज मंत्र: क्लीं ऐं श्री कालिकायै नम:
स्तुति मंत्र:
या देवी सर्वभूतेषु मां कालरात्रि रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
8. मां महागौरी बीज मंत्र: श्री क्लीं ह्रीं वरदायै नम:
स्तुति मंत्र:
या देवी सर्वभूतेषु मां महागौरी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
9. मां सिद्धिदात्री बीज मंत्र: ह्रीं क्लीं ऐं सिद्धये नम:
स्तुति मंत्र:
या देवी सर्वभूतेषु मां सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
न मां दुर्गा के सभी नौ रूपों की उपासना की जाती है। वहीं श्रद्धालु व्रत रखते हैं और अपने-अपने तरीके से माता रानी को प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं। लेकिन अगर आप मां अंबे को शीघ्र प्रसन्न करना चाहते हैं तो सच्चे मन से नवरात्रि के इन नौ दिनों में माता की आरती (Mata Ki Aarti) जरूर करें। नवरात्रि में मुख्य रूप से माता रानी की 'अंबे तू है जगदम्बे काली' (Ambe Tu Hai Jagdambe Kali Aarti) और 'जय अंबे गौरी' (Jai Ambe Gauri) आरती की जाती है।